मदर टेरेसा को मास्टर हरक्यूलिस की कविता

 मदर टेरेसा कोमेरा बगीचा कितना बंजर था:शुष्क, शुष्क, निर्जीव।आज मैं तुमसे मिला,मैं तुम्हारा हाथ पकड़ रहा था:गर्म, झुर्रीदार, स्वागत करने वाला।तेरी मुस्कान की रोशनीमेरे चेहरे…